दादी-नानी और पिता-दादाजी के बातों का अनुसरण, संयम बरतते हुए समय के घेरे में रहकर जरा सा सावधानी बरतें तो कभी आपके घर में डॉ. नहीं आएगा. यहाँ पर दिए गए सभी नुस्खे और घरेलु उपचार कारगर और सिद्ध हैं... इसे अपनाकर अपने परिवार को निरोगी और सुखी बनायें.. रसोई घर के सब्जियों और फलों से उपचार एवं निखार पा सकते हैं. उसी की यहाँ जानकारी दी गई है. इस साइट में दिए गए कोई भी आलेख व्यावसायिक उद्देश्य से नहीं है. किसी भी दवा और नुस्खे को आजमाने से पहले एक बार नजदीकी डॉक्टर से परामर्श जरूर ले लें.
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गुरुवार, फ़रवरी 26, 2015

सर्दी-ज़ुकाम से ऐसे निज़ात पाएं

Would like to get rid of Cold
ज़ुकाम के वायरस को भाती है ठंडी नाक

आम तौर पर ज़ुकाम को एक मामूली बीमारी समझ कर इस पर ज़ाइद तवज्जा नहीं दी जाती लेकिन ज़ुकाम को मामूली समझना ही सबसे बड़ी ग़लती साबित हो सकती है । सेहत भगवान की देन है और उस की तरफ़ से ग़फ़लत बरतने का बहुत बड़ा ख़मयाज़ा भुगतना पड़ता है ।

पुराने बुज़ुर्गों का कहना है कि छींक का आना ज़ुकाम का होना इस बात की अलामत (पहचान/ ल्क्षण) है कि आप सेहत मंद हैं लेकिन सेहत मंद होने के ग़रूर में निफिक्र  होकर अगर लापरवाही बरती जाए तो यही ज़ुकाम निमोनिया और डबल निमोनिया में तबदील होकर हमारी जान ले लेता है ।

ज़ुकाम के दौरान बहुत ज़्यादा ठंडे पानी के इस्तेमाल से गुरेज़ ( परहेज) करना चाहीए यही नहीं बल्कि सर्द और गर्म अशीया ( चीज़ों) को फ़ौरी तौर पर या मामूली वक़फ़ा से भी इस्तेमाल नहीं करना चाहीए । कुछ लोग चाय पीने से क़बल ठंडा पानी पीते हैं और उसके फ़ौरी ( फौरन) बाद चाय पीते हैं ।

ज़रा सोचिए! पानी ठंडा और चाय गर्म एक दूसरे से मुतज़ाद (एक दूसरे से विरुद्व) तासीर रखने वाले ये मशरूबात आप को फ़ायदा हरगिज़ नहीं पंचा सकते बल्कि आप के जिस्म के निज़ाम को दरहम बृहम (परेशान) ज़रूर कर देते हैं । ज़रूरत इस बात की है कि ना सिर्फ़ ज़ुकाम के दौरान बल्कि आम दिनों में भी सर्दगर्म अशीया ( खाने पीने की चीजें)‍ के एक साथ इस्तेमाल से गुरेज़ करना चाहीए ।

सर्द पानी से ग़ुसल करना भी ज़ुकाम के दौरान मुनासिब नहीं है क्योंकि निमोनिया अगर डाक्टरों के बस से बाहर हो गया तो ये डबल निमोनिया में तबदील होकर आप को आप की ग़फ़लत की ज़बरदस्त सज़ा दे सकता है। सेहत मंद रहिए और ज़ुकाम से चौकन्ना रहिए क्योंकि कोई भी छोटी बीमारी बड़ी होने में देर नहीं लगाती।आप जीरे का इस्तेमाल सब्ज़ी में तड़का लगाने और चावल बनाने में करते हैं, ताकि खाने का स्वाद बढ़ जाए और महक भी आए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जीरे में कई औषधीय गुण भी हैं। ज़ुकाम के दौरान जीरे का यूज़ होम रेमिडी है, जो आपको सेकंड्स में बंद और बहते नाक से आराम दिला सकता है। कोल्ड के आसार बारिश के दिनों में ज़्यादा होते हैं। तो इससे पहले कि हम इसकी चपेट में आएं या फिर ज़ुकाम की वजह से हमारा कोई रिश्तेदार परेशान है, आइए जान लेते हैं कि जीरे का इस्तेमाल कैसे कोल्ड से निजात दिला सकता है।
दरअसल, इस छोटे से जीरे में न सिर्फ ज़ुकाम और सिर दर्द भगाने के गुण हैं, बल्कि यह फंगस और बैक्टीरिया से भी लड़ता है। जीरा इन्फेक्शन्स से भी बचाता है और इससे आपका इम्यून सिस्टम भी स्ट्रॉन्ग रहता है। जीरे में विटामिन ए और विटामिन सी भी हैं। ये सर्दी-ज़ुकाम से बचाते हैं।
अब जानिए कि जीरे को किस रूप में खाना चाहिए, जिससे आपका ज़ुकाम सेकंड्स में दूर हो जाए...

ज़ुकाम होने पर जीरे का यूज़ 

दो कप पानी में एक चम्मच जीरा डालकर उबालें। जब पानी उबल जाए, तो उसमें पिसी हुई अदरक और तुलसी डालकर फिर से उबालें, ताकि इस पानी में इन्फेक्शन्स से लड़ने की ताकत आ जाए। इस पानी को छाने और फिर इसे धीरे-धीरे पिएं।
पानी में जीरा उबालकर स्टीम भी ले सकते हैं। इसमें थोड़ी लौंग मिला लें। इससे आपकी बंद नाक खुल जाएगी और ज़ुकाम से राहत मिलेगी। ध्यान रहे कि स्टीम लेने के बाद थोड़ी देर अपना सिर और छाती चादर से ज़रूर ढक लें। अगर स्टीम लेने के बाद बाहर गए और ठंड लग गई, तो चेस्ट कन्जेशन के चांसेस हैं।
अगर आपको ज़ुकाम के साथ ठंड भी लग रही है, तो रात में गर्म दूध में थोड़ी हल्दी डालकर पिएं। इससे आपको ज़ुकाम के साथ-साथ खांसी से भी रहात मिलेगी।

हल्दी: यह गर्म होती है, यह शरीर को इंफेक्शन्स से लड़ने की ताकत देती है, दर्द कम करने और घाव को भरने में भी सहायक होती है।
दूध: इसमें कैल्शियम और विटामिन डी होता है, जो आपकी हड्डियां मज़बूत रखने के साथ शरीर में बीमारियों से लड़ने की ताकत भी पैदा करता है।

रखें सावधानी

यह आप दिन में एक 1 गिलास से ज़्यादा न पिएं और इसे आदत न बनाएं, वरना बलगम की दिक्कत हो सकती है। एक गिलास दूध में आधी छोटी चम्मच हल्दी ही काफी है।
ज़ुकाम या सर्दी लगने पर नींबू, दालचीनी और शहद तीनों को मिलाकर सिरप बनाएं। इसे पीने से आप जल्दी ठीक हो जाएंगे।

बनाने की विधि

एक पैन में शहद डालकर तब तक उबालें, जब तक कि शहद पतला न हो जाए। उसके बाद इसमें दालचीनी और नींबू मिलाएं। अब यह सिरप तैयार है।

शहद: यह गर्म होता है और इसमें एंटीऑसीडेंट्स होते हैं, जो हमारे इम्यून सिस्टम को स्ट्रॉन्ग करते हैं।
नींबू: इसमें विटामिन सी होता है, जो ज़ुकाम ठीक करने में मददगार होता है।
दालचीनी: यह ब्लड ग्लूकोज़ लेवल कंट्रोल में रखता है और इम्यूनिटी को बढ़ाता है।

ज़ुकाम, सर्दी और खांसी से बचने के लिए आप रोज़ सुबह खाली पेट आंवला खाएं। इससे आपको किसी भी सीज़न में होने वाली बीमारियों से राहत मिलेगी। आंवला आपके लिवर और ब्लड सर्कुलेशन को भी सही रखता है। दरअसल, आंवला विटामिन सी का स्रोत है और ज़ुकाम दूर भगाने के लिए विटामिन सी लाभकारी होता है। इसे आप किसी भी रूप में खा सकते हैं। चाहे आप बाज़ार से आंवला कैंडी खरीद लें, चाहे तो आंवला रस की बोतल या फिर मुरब्बा और अगर आपके पास समय है, तो आप घर पर ही आंवले का ताज़ा जूस निकाल सकते हैं। हर रोज़ 4-5 आंवला कैंडी या फिर एक चौथाई कप आंवला रस सुबह उठकर खाली पेट पी सकते हैं। हर रोज़ सुबह दूध के एक गिलास के साथ एक मुरब्बा भी बहुत फायदा देगा।

सावधानी

ज़रूरत से ज़्यादा आंवला न खाएं। इससे आपका गला खराब हो सकता है और दांत खट्टे हो सकते हैं।
एक पैन में अलसी के बीज को तब तक उबालें, जब तक बीज पतला और सूख न जाए। अब बीज में कुछ बूंदे नींबू के जूस और शहद की मिलाएं। इस मिश्रण को रोज सोने से पहले पिएं। आपको ज़ुकाम और सर्दी से राहत मिलेगी। इसमें बहुत सारे विटामिन्स होते हैं। इसे सुबह 1 मुट्ठी खाली पेट खाने से आप दिनभर एनर्जेटिक फील करेंगे। अलसी में एंटी-एजिंग गुण भी हैं, जो आपके चेहरे से झुर्रियां मिटाते हैं। इसके अलावा यह हड्डियों को मज़बूत करने में भी कारगर है। यह हर उम्र के लोगों के लिए है, लेकिन आप इसे डॉक्टर की सलाह पर ही खाएं।

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