दादी-नानी और पिता-दादाजी के बातों का अनुसरण, संयम बरतते हुए समय के घेरे में रहकर जरा सा सावधानी बरतें तो कभी आपके घर में डॉ. नहीं आएगा. यहाँ पर दिए गए सभी नुस्खे और घरेलु उपचार कारगर और सिद्ध हैं... इसे अपनाकर अपने परिवार को निरोगी और सुखी बनायें.. रसोई घर के सब्जियों और फलों से उपचार एवं निखार पा सकते हैं. उसी की यहाँ जानकारी दी गई है. इस साइट में दिए गए कोई भी आलेख व्यावसायिक उद्देश्य से नहीं है. किसी भी दवा और नुस्खे को आजमाने से पहले एक बार नजदीकी डॉक्टर से परामर्श जरूर ले लें.
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नोट : यहाँ पर प्रस्तुत आलेखों में स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी को संकलित करके पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करने का छोटा सा प्रयास किया गया है। पाठकों से अनुरोध है कि इनमें बताई गयी दवाओं/तरीकों का प्रयोग करने से पूर्व किसी योग्य चिकित्सक से सलाह लेना उचित होगा।-राजेश मिश्रा

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गुरुवार, अगस्त 27, 2015

आँखों में चमक बरकरार रखने के नुस्खे

चश्मे से मिल सकती है छुटकारा अपना लें ये उपाय

आधुनिक जीवन में कम्प्यूटर, टीवी और मोबाइल लोगों के जीवन का अभिन्न अंग बन गए हैं। ऐसे में लोगों की आंखों का कमजोर होना आम सा हो गया है। आजकल हर दूसरे व्यक्ति को चश्मा लग जाता है।
कई लोगों को तो बहुत कम उम्र में चश्मा लग जाता है। लेकिन चश्मा को कैसे बाय-बाय कहा जाए, इसके संबंध में हम आपको कुछ घरेलू उपाय बताने जा रहे हैं। राज से जानिए कुछ ऐसे ही उपाय 

1- बादाम,सौंफ और मिश्री को बराबर मात्रा में लेकर उसे पीस लें। इस मिश्रण का 10 ग्राम हिस्सा 250 मिली दूध के साथ रात में सोने से पहले लें। 40 दिन तक लगातार इसे इस्तेमाल करने से आप महसूस करेंगे कि आंखों की रोशनी बढ़ी है। याद रहे इसे लेने के दो घंटे बाद तक पानी न पएिं।

2- आंवला में विटामिन सी की मात्रा ज्यादा होने से यह आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। आंवला का सेवन पाउडर, कैप्सूल, जैम या जूस की तरह किया जा सकता है। हर सुबह शहद के साथ ताजा आमले का रस पीने से या रात में सोने से पहले पानी के साथ एक चम्मच आमला पाउडर खाने से भी फायदा मिलता है।

3- एक चम्मच त्रिफला पाउडर को पानी में डाल कर रात भर के लिए छोड़ दें। अगली सुबह इस पानी को छान कर इसी से आंखें धुलें। साथ ही अगर आंखें धुलते वक्त मुंह में ताजा पानी भरे रखेंगे तो और भी फायदा मिलेगा। एक ही महीने में आपको फर्क महसूस होगा।

4- गाजर में फॉसफोरस, विटामिन ए, विटामिन सी और आयरन की मात्रा काफी होती है जो इसे आंखों के लिए असरदार बनाते हैं। नियमित रूप से कच्चे गाजर को सलाद की तरह खा कर या उसका रस पीकर आप अपनी आंखों की रोशनी तेज कर सकते हैं।

5- बिलबेरी एक तरह का बेर है जो शरीर में खून के बहाव को बढ़ाता है। ताजी बिलबेरी खाने से रात में कम दिखने की बीमारी और कमजोर रोशनी की समस्या दूर हो जाती है।

6- याद रहे आपके खाने में सभी पोषक तत्व मौजूद हों। संतुलित आहार सिर्फ आंखों के लिए ही नहीं, पूरे शरीर के लिए जरूरी है। गाजर का रस, अंडे, दूध, हरी सब्जियां, फल, मेवे, गोभी और नींबू इसका हिस्सा हो सकते हैं।

7- हरी घास पर सुबह सुबह नंगे पांव चलना आंखों को बहुत फायदा पहुंचाता है। इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लें।

8- सुबह उठने पर अपनी हथेलियों को आपस में रगड़े। जब हथेलियां गर्म हो जाएं तो उन्हें अपनी आंखों पर रख कर सिकाई करें। ऐसा 4-5 बार करें तो आंखों को बहुत फायदा पहुंचेगा।

बुधवार, अगस्त 26, 2015

घुटने के दर्द के लिए राज का रामबाण इलाज़

Turmeric-Limestone Plaster Treatment

1 चम्मच हल्दी1 चम्मच पिसी हुई चीनी
1 चुटकी खाने वाला चुना1 -2 चम्मच पानी

उपरोक्त सभी को मिला कर एक लेप बना लीजिये और रात्रि में सोते समय लगा के सो जाइए.
कुछ ही दिन में आप को आराम आना शूरु हो जायेगा. दर्द सूजन मोच सब खीच लेगा ये लेप.

चमत्कारी हल्दी

भारतीय रसोई की शान हल्दी सचमुच गुणों की खान है। हल्दी की गांठों को चूने के साथ दो महीने एक मटकी में पकाना पड़ता है तब वह चमत्कारिक हो जाती है। दो महीने बाद इस हल्दी का शहद के साथ नियमित सेवन किया जाए तो शरीर का कायाकल्प हो जाता है। आप भी चाहें तो कर सकते हैं।

बनाने की विधिः आधा किलो हल्दी की गांठे और एक किलो कली का चूना (पान में खाने वाला) लीजिए। चूना डली के रूप में हो पावडर नहीं। दोनों को एक मटकी में भर कर उसमें करीब दो लीटर पानी भर दीजिए। पानी डालते ही चूना उबलने लगेगा। अब मटकी का मुंह अच्छी तरह बंद कर रख दीजिए। दो माह बाद इसे खोलें और हल्दी की गांठों को कपड़े से अच्छी तरह पोंछ लें। फिर इन्हें थोड़ा कूट कर मिक्सर में बारीक पीस लें। चमत्कारी हल्दी का पावडर तैयार है। अब इसे किसी एयर टाइट डिब्बे में भर कर रख लीजिए। रोज सुबह खाली पेट तीन ग्राम पावडर (चने बराबर) शहद के साथ चाटिए। करीब एक घंटे तक कुछ खाएं पीए नहीं। कम से कम चार महीने तक सेवन करें। इससे शरीर का कायाकल्प होने लगता है। बंद रक्त वाहिनियां खुल जाती हैं। बाल असमय सफेद हो गए हों तो काले होने लगते हैं। उगने भी लगते हैं। उसमें कुछ अतिरंजना भी है, जैसे गिद्ध सी दृष्टि और हाथी सा बल आ जाता है। आपभी प्रयोग कर अनुभव शेयर कीजिए। आयुर्वेद में ऐसे अनेक नुस्खों का खजाना भरा पड़ा है, जरूरत है इन्हें नए सिरे से शोध कर आजमाने की।

बुधवार, अगस्त 19, 2015

गायक कलाकारों और बच्चों के लिए विशेष

गला और छाती की बीमारी का अचूक इलाज : राजेश मिश्रा
Throat and Chest illness Easy Treatment


खाँसी रोग कई कारणों से पैदा होता है और यदि जल्दी दूर न किया जाए तो विकट रूप धारण कर लेता है। एक कहावत है, रोग का घर खाँसी। खाँसी यूँ तो एक मामूली-सी व्याधि मालूम पड़ती है, पर यदि चिकित्सा करने पर भी जल्दी ठीक न हो तो इसे मामूली नहीं समझना चाहिए, क्योंकि ऐसी खाँसी किसी अन्य व्याधि की सूचक होती है। आयुर्वेद ने खाँसी के 5 भेद बताए हैं अर्थात वातज, पित्तज, कफज ये तीन और क्षतज व क्षयज से मिलाकर 5 प्रकार के रोग मनुष्यों को होते हैं।


खाँसी को आयुर्वेद में कास रोग भी कहते हैं। इसका प्रभाव होने पर सबसे पहले रोगी को गले (कंठ) में खरखरापन, खराश, खुजली आदि की अनुभूति होती है, गले में कुछ भरा हुआ-सा महसूस होता है, मुख का स्वाद बिगड़ जाता है और भोजन के प्रति अरुचि हो जाती है।

ये पाँच प्रकार का कास कई कारणों से होता है और वे कारण शरीर में अन्य व्याधियाँ उत्पन्न कर शरीर को कई रोगों से ग्रस्त कर देते हैं। इसी कारण से कहावत में 'रोग का घर खाँसी' कहा गया है।


गले में किनती भी ख़राब से ख़राब बीमारी हो, कोई भी इन्फेक्शन हो, इसकी सबसे अछि दावा है हल्दी । जैसे गले में दर्द है, खरास है , गले में खासी है, गले में कफ जमा है, गले में टोनसीलाईटिस हो गया; इन बिमारियों में आधा चम्मच कच्ची हल्दी का रस लेना और मुह खोल कर गले में डाल देना और फिर थोड़ी देर चुप होकर बैठ जायें तो ये हल्दी गले में निचे उतर जाएगी लार के साथ और एक खुराक में ही सब बीमारी ठीक हो जाएगी, दुबारा डालने की जरुरत नही ।
यह उपाय छोटे बच्चों के लिए रामबाण -
जरुर करना चाहिए। बच्चों को टोन्सिल जब बहुत तकलीफ देते हैं तो अक्सर हम ऑपरेशन करवा कर उनको कटवा देते हैं. अब ऐसा करने की जरुरत नहीं है हल्दी से सब ठीक हो जायेगा।

गले और छाती से जुडी हुई कुछ बीमारिया है जैसे खासी; इसका एक इलाज तो कच्ची हल्दी का रस है जो गले में डालने से तुतंत ठीक हो जाती है चाहे कितनी भी जोर की खासी हो ।
दूसरी दवा है अदरक, ये जो अदरक है इसका छोटा सा टुकड़ा मुह में रख लो और टॉफी की तरह चुसो खांसी तुरंत बंद हो जाएगी । अगर किसी को खांसते-खांसते चेहरा लाल पड़ गया हो तो अदरक का रस ले लो और उसमे थोड़ा पान का रस मिला लो दोनों एक एक चम्मच और उसमे मिलाना थोड़ा सा गुड या सेहद । अब इसको थोडा गरम करके पी लेना तो जिसको खासते खासते चेहरा लाल पड़ा है उसकी खासी एक मिनट में बंध हो जाएगी ।
और एक अच्छी दवा है- अनार।
अनार का रस गरम करके पियो तो खासी तुरन्त ठीक होती है ।
काली मिर्च है -गोल मिर्च इसको मुह में रख के चबाना चाहिए उसके बाद गरम पानी पी लें तो खासी बंद हो जाएगी, काली मिर्च को चुसो तो भी खांसी बंद हो जाती है ।


छाती की कुछ बिमारियां जैसे-दमा, अस्थमा, ब्रोंकिओल अस्थमा, इन तीनो बीमारी का सबसे अच्छा दवा है गाय मूत्र ; आधा कप गोमूत्र पियो सबेरे का ताजा ताजा तो दमा ठीक होता है, अस्थमा ठीक होता है, ब्रोंकिओल अस्थमा ठीक होता है । और गोमूत्र पिने से टीबी भी ठीक हो जाता है , लगातार पांच-छह महीने पीना पड़ता है । दमा/अस्थमा का और एक अच्छी दवा है दालचीनी, इसका पाउडर रोज सुबह आधे चम्मच खाली पेट गुड या शहद मिलाकर गरम पानी के साथ लेने से दमा/अस्थमा ठीक कर देती है।

मंगलवार, अगस्त 11, 2015

मेथी शरीर के लिए संजीवनी ब्यूटी है : राजेश मिश्रा

मेथी एक गुण अनेक : कई रोगों का मिनटों में ठीक करता है * बच्चों से बूढों को देता है निरोगी काया  * महिलाओं की कामेच्छा बढाती है

मेथी देखने में तो हैं छोटे, मगर गुण है अनेक। ये अपने महक और स्वाद के द्वारा पूरे व्यंजन के स्वाद को बदल देने की क्षमता रखते हैं। वैसे तो मेथी का स्वाद थोड़ा कड़वा होता है लेकिन भारतीय रसोईघरों में मेथी का इस्तेमाल साधारणतः करी, सब्ज़ियों से बने व्यंजन, दाल आदि के स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है। और मेथी के पत्तों से बनें मेथी पराठा की बात कैसे भूल सकते हैं।
इन सबके अलावा मेथी के बहुत सारे औषधीय गुण भी हैं, जिसके बारे में शायद बहुत कम ही लोग जानते हैं।मेथी में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन सी, नियासिन, पोटेशियम, आयरन, और एल्कलॉयड (क्षाराभ- वनस्पतियों का मूल तत्व) होते हैं। इसमें डाओस्जेनिन नामक यौगिक (कम्पाउन्ड) होता है जो एस्ट्रोजन सेक्स हार्मोन जैसा काम करता है। इस यौगिक के कारण ही मेथी बहुगुणी बन जाता है, जिसके कारण वह स्वास्थ्य से लेकर सौन्दर्य सभी क्षेत्रों में अपना जादू चला पाता है।

1 . मेथी (fenugreek), सोंठ और हल्दी बराबर मात्रा में मिलाकर, पीसकर रोज सुबह-शाम खाना खाने के बाद गर्म पानी से दो – दो चम्मच खाएं, इससे मौसमी बदलाव के असर से बचे रहेंगे।
2 . रोज सुबह भूखे पेट एक चम्मच कुटी हुई मेथी में, 1 ग्राम कलोंजी (मंगरेल) मिलाकर खाएं, पाचन ठीक रहेगा।
3 . मेथी के दाने हर सुबह खाली पेट, दोपहर और रात को खाना खाने के बाद आधा चम्मच पानी के साथ फाकने से हड्डियों के जोड़ मजबूत रहेंगे।
4 . हल्दी, गुड, पिसा हुआ मेथी दाना और पानी समान मात्रा में मिलाकर गर्म करें और रात को सोते समय घुटनों पर इसका लेप लगाएँ। इस पर पट्टी बांध कर रात भर बंधे रहने दे। सुबह पट्टी हटा कर साफ कर ले। कुछ ही दिनों में दर्द से राहत महसूस होगा: राजेश मिश्रा
5. अलसी के बीजो के साथ 2 अखरोट लेने से जोड़ो के दर्द से आराम मिलता है।
6. मेथी के लड्डू खाने से हाथ पैरों के जोड़ो के दर्द में आराम मिलता है।
7. 30 साल की उम्र के बाद रोज मेथी के दाने फांकने से शरीर के जोड़ मजबूत बने रहते हैं। बुढ़ापे तक मधुमेह, ब्लड प्रेशर और गठिया जैसे रोगों से बचाव होता है।
8. मेथी दाने को तवे या कड़ाही में गुलाबी होने तक सेकें। ठंडा होने पर पीस ले, रोज सुबह आधा चम्मच, एक गिलास पानी के साथ लें। : राजेश मिश्रा
9. मेथी को दरदरी कूट कर सर्दियों मे रोज सुबह दो चम्मच और गर्मियों मे एक चम्मच पानी के साथ लें।
10. अंकुरित मेथी खाएं और इसे खाने के बाद आधे घंटे तक कुछ न खाएं। पाचन दुरुस्त रहेगा और स्किन की समस्याओं से बचे रहेंगे : राजेश मिश्रा

औरतों के ल‌िए मेथी का सेवन इन 5 मामलों में है फायदेमंद

वैसे तो मेथी का सेवन दमा से लेकर कामेच्छा तक, कई मामलों में फायदेमंद है लेकिन महिलाओं के लिए इसका सेवन खास वजह से भी जरूरी है। चाहे मेथी का सेवन साग के रूप में हो या फिर दाने के तौर पर, महिलाओं के लिए मासिक चक्र से जुड़ी समस्याओं के उपचार में यह काफी फायदेमंद माना जाता है।

जानें महिलाओं की सेहत के लिए मेथी के सेवन से जुड़े फायदे

  • मेथी में सेपोनिन्स और डायोसजेनिन नामक दो ऐसे तत्व हैं जो शरीर में स्टीरॉयड्स व एस्ट्रोजन की तरह काम करते हैं। इनकी वजह से पीरियड्स के दौरान पड़ने वाले क्रैंप और पेट दर्द में आराम मिलता है।
  • इसमें आयरन की मात्रा अधिक है इसलिए गर्भावस्था के दौरान इसका सेवन जच्चा-बच्चा की सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है।
  • मेथी में मौजूद सेपोनिन्स और डायोसजेनिन शरीर में सेक्स हार्मोन बढ़ाते हैं जिससे महिलाओं की कामेच्छा बढ़ती है।
  • मेथी में मौजूद डायोसजेनिन और आइसोफ्लेवोन्स मेनोपॉड के दौरान महिलाओं के मूड को नियंत्रित करने में मददगार माना जाता है।
  • मेथी में मौजूद डायोसजेनिन महिलाओं के शरीर में हार्मोनल संतुलन बनाए रखता है। इससे हार्मोन से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं।

 मेथी के 15 स्वास्थ्यवर्द्धक गुण:

स्तन्यआहार (ब्रेस्टमिल्क) के उत्पादन को बढ़ाता है:

मेथी में डाओस्जेनिन नामक यौगिक होता है जो दूध पिलाने वाली माँ के लिए दूध का उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है।

शिशु के जन्म की प्रक्रिया को आसान करता है

मेथी शिशु के जन्म की प्रक्रिया को आसान बनाने में बहुत मदद करता है। यह शिशु के जन्म के समय गर्भाशय के संकुचन को बढ़ाकर जन्म की प्रकिया को आसान करने में मदद करता है। इसके कारण यह प्रसव वेदना को कम करने में अहम भूमिका निभाता है। लेकिन एक बात का ध्यान रखें गर्भधारण के अवस्था में अत्यधिक मात्रा में मेथी न खायें, इससे गर्भपात होने का खतरा बढ़ जाता है।

महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को आसान करने में मदद करता है

मेथी में जो एस्ट्रोजन सेक्स हार्मोन जैसे गुण वाला यौगिक डाओस्जेनिन और आईसोफ्लैवोन्स (isoflavones) होता है वह मासिक धर्म चक्र के समय शारीरिक समस्याओं जैसे उल्टी करने की इच्छा, बेचैनी, मनोभाव में बदलाव आदि समस्याओं को कम करने में मदद करता है। मेनोपोज़ या रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में जो समस्याएं उत्पन्न होती है, जैसे गर्मी लगना, कुछ भी अच्छा न लगना यानि मनोभाव में जल्दी-जल्दी बदलाव आना जैसी अवस्थाओं को कुछ हद तक कम करने में मदद करता है। किशोरावस्था, गर्भावस्था, दूध पिलाने के अवधि में आयरन की कमी को पूर्ण करने में मेथी मदद करता है। इसलिए अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्ज़ियों में मेथी साग खाना न भूलें। खाना बनाते वक्त आयरन के सोखने की प्रक्रिया को बढ़ाने के लिए व्यंजन में आलू या टमाटर को डालना न भूलें।

स्तन के आकार को बढ़ाता है

अगर आप स्तन के छोटे आकार को लेकर शर्मिंदा महसूस करते हैं तो मेथी को अपने रोज के आहार में शामिल करें। इसका एस्ट्रोजेन हार्मोन स्तन के आकार को बढ़ाने में मदद करता है।

कोलेस्ट्रॉल को कम करता है

अध्ययन के अनुसार मेथी शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है।

हृदय संबंधी खतरे को कम करने में मदद करता है

मेथी के दानों में गैलाक्टोमेनन (galactomannan) के गुण के कारण वह दिल के दौरा पड़ने के खतरे को कम करने में मदद करता है। मेथी पोटेशियम का सबसे अच्छा स्रोत होता है जो सोडियम के प्रभाव को कम करके दिल के हृदय गति और रक्त चाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।

मधुमेह को नियंत्रित करता है

मेथी मधुमेह ग्रस्त लोगों के लिए वरदान स्वरूप है। मेथी में जो घुलनशील फाइबरगैलाक्टोमेननहोता है, वह रक्त में शुगर के सोखने की प्रक्रिया को कम करने में मदद करता है।

हजम शक्ति को बढ़ाता है

मेथी शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है। साथ ही कब्ज़ से भी राहत दिलाता है।

एसिड रिफल्क्स या हर्टबर्न से राहत दिलाता है

अपने आहार में एक छोटा चम्मच मेथी को शामिल करने से एसिड रिफल्क्स या हर्टबर्न से प्रभावकारी रूप से राहत मिलता है। इस्तेमाल करने के पहले मेथी के दानों को पानी में भिगोकर रखने से उसके ऊपर म्यूसीलाजिनॉस का स्तर बन जाता है जो पेट में जलन से राहत दिलाने में मदद करता है।

बुखार और गले के दर्द से राहत दिलाता है

एक छोटा चम्मच नींबू का रस और शहद के साथ मेथी खाने से न सिर्फ बुखार कम होता है, म्यूसलिज के प्रभाव से सर्दी-खांसी और गले के दर्द से राहत मिलती है।

कोलोन कैंसर के खतरे को कम करने में मदद करता है

मेथी का फाइबर शरीर से विषाक्त पदार्थ टॉक्सिन्स को निकालने में सहायता करता है। इस प्रक्रिया के द्वारा वह कैंसर से कोलोन के म्युकस मेमब्रेन की रक्षा करता है।

भूख को कम करके वज़न घटाने की प्रक्रिया में मदद करता है

सुबह भिगोया हुआ मेथी दाना खाने से पेट देर तक भरा हुआ महसूस होता है। इसलिए जो लोग वज़न घटाना चाहते हैं वे खाली पेट इसका सेवन कर सकते हैं।

त्वचा के सूजन और दाग जैसे समस्याओं से राहत दिलाता है

अगर आपके त्वचा में कहीं भी जल गया है, फोड़ा हुआ है या एक्जिमा हुआ है, उस जगह पर मेथी के पेस्ट में भिगोया हुआ साफ कपड़ा बाँध दें। यह उपचार प्रभावकारी रूप से काम करता है।

सौन्दर्य उत्पादक

मेथी के बने फेस पैक ब्लैकहेड, मुँहासे, झुर्रियों को रोकने में बहुत प्रभावकारी रूप से काम करते हैं। थोड़े से पानी में मेथी के दानें डालकर उबाल लें फिर उससे मुँह को धोयें। एक और भी तरीका है, मेथी के पत्तों को पीसकर पेस्ट बना लें और उसको चेहरे पर बीस मिनट तक लगाकर रखें। सूखने पर पानी से धो लें। इस पैक से चेहरे की रौनक बढ़ जाती है।

बालों की समस्या से राहत दिलाता है

बालों की समस्या से लड़ने के लिए अपने आहार में मेथी को शामिल करें या बालों पर मेथी का पेस्ट भी लगा सकते हैं, इससे आपके बाल काले और घने बन जायेंगे। अगर आपके बाल झड़ रहे हैं या पतले हो गए हैं तो नारियल के तेल में मेथी के दानों को उबालकर रात भर भिगोकर रखें। अगले दिन सुबह इस तेल को बालों में लगायें, इससे बालों का झड़ना कम हो जाएगा।

गुरुवार, अगस्त 06, 2015

पानी पीने के फायदे और नुकसान

~साधारण और गुनगुना पानी~

किसी तरह की शारीरिक परेशानी होने पर डॉक्टर पानी पीने की सलाह देते हैं। दिन में कम से कम रोज़ 8 गिलास पानी पीना चाहिए। इससे आपका डायजेस्टिव सिस्टम, स्किन और बाल हेल्दी रहते हैं। पानी शरीर से बेकार पदार्थ बहार निकालता है। पानी को लेकर कई तरह की बातें सुनने को मिलती हैं। अगर पानी पीने के फायदे हैं, तो नुकसान भी हैं। पहले हम इन फायदों के बारे में जानते हैं।
  1. इसमें कोई शक नही पानी स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है लेकिन गर्म पानी भी औषधीय गुणों की खान है.
  2. पानी को थोड़ा गर्म करके पी लें तो कब्ज को दूर करने में भी मदद मिलती है.
  3. गर्म पानी से स्नान थकान मिटाने, त्वचा को निखारने और इसकी बीमारियों को दूर करने का सबसे अच्छा साधन है.
  4. गर्म पानी का इस्तेमाल वजन कम करने, रक्त प्रवाह को संतुलित बनाने और रक्त प्रवाह का संचार ठीक से करने में भी 

लाभकारी है......

  • गुनगुने पानी को मुंह में घुमा घुमा कर घूंट घूंट करके पीने से मोटापा नियंत्रित होता है.
  • गुनगुना पानी शरीर में मौजूद गंदगी को साफ करने की प्रक्रिया तेज करता है और गुर्दों के माध्यम से गंदगी बाहर निकल जाती हैं.
  • शाररिक श्रम करने के पहले थोड़ा गुनगुना पानी पी ले थकान कम महसूस होगी और आपका शरीर ज्यादा हल्का महसूस करेगा
  • गर्म पानी के साथ नींबू और शहद का मिश्रण बनाकर सेवन करने से आपकी प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है और वजन कम करने में भी ये नुस्खा लाभदायक है।
  • ठंडे पानी को जहां गुर्दों के लिए हानिकारक माना जाता है वही गुर्दों की सेहत अच्छी बनाए रखने के लिए दिन में कम से कम दो बार यानी सुबह-शाम गुनगुना पानी पीना चाहिए. इससे शरीर में मौजूद गंदगी का जमाव नहीं हो पाता.
  • गुनगुने पानी को हड्डियों और जोड़ों की सेहत के लिए भी जरूरी माना जाता है. गुनगुना पानी जोड़ों के बीच के घर्षण को कम करने में मदद करता है, जिससे भविष्य में गठिया जैसी गंभीर बीमारियों के होने की आशंका कम हो जाती है.
सौंदर्य और स्वास्थ्य, दोनों की दृष्टि से गर्म पानी अचूक दवा है. इस पानी में थोड़ा सा गुलाब जल मिलाकर धीमे-धीमे शरीर पर डालने से आराम का अहसास होता है और किसी भी प्रकार का दर्द चुटकियों में दूर हो जाता है.


यहां आपको कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं, ताकि आपको पानी की कमी से होने वाली बीमारियां न घेरें। इसलिए कुछ बातों का ख़ास ध्य़ान रखें।
1.सुबह उठते ही एक गिलास पानी पीना अच्छा होता है। इसे अपनी आदत में शामिल करें। इससे पेट साफ रहता है। पानी पीने से स्किन में रूखापन नहीं होता।
2. सुबह उठने के बाद गरम या गुनगुने पानी में शहद और नींबू डालकर पिया करें। इससे टॉक्सिक एलिमेंट शरीर से निकल जाते हैं और इम्यून सिस्टम भी सही रहता है।
3.कुछ लोग ज़्यादा ही ठंडा पानी पीते हैं। इससे गुर्दे खराब हो सकते हैं। इसलिए ज़्यादा ठंडा पानी न पिएं।
4.अगर आप चाय या कॉफी ज्यादा पीते हैं तो उसकी जगह ग्रीन टी पिएं। इससे एनर्जी मिलती है।
5.सॉफ्ट ड्रिंक की जगह गुनगुना पानी या नींबू पानी पिया करें। आपका एनर्जी लेवल बढ़ेगा और डायजेस्टिव सिस्टम भी सही रहेगा।
6.वजन कम करने के लिए ठंडे पानी की जगह गुनगुना गर्म पानी पीना फायदेमंद होता है।
7. पानी पीने से एसिडिटी हटती है, क्योंकि पानी पेट साफ रखता है।
8. हमारा दिमाग 90 प्रतिशत पानी से बना है। पानी न पीने से भी सिर दर्द होता है।
9. पानी जोड़ों को चिकना बनाता है और जोड़ों का दर्द भी कम करता है।
10. हमारी मांसपेशियों का 80 प्रतिशत भाग पानी से बना हुआ है। इसलिए पानी पानी से मांसपेशियों की ऐंठन भी दूर होती है।

बीमारियों से भी दूर रखता है पानी: निम्नलिखित दिक्कतें या स्थिति में भी पानी पर्याप्त मात्रा में पीना चाहिए। 
  • बुखार होने पर।
  • ज़्यादा वर्कआउट करने पर।
  • अगर आप गर्म वातावरण में हैं।
  • प्यास लगे या न लगे, बीच-बीच में पानी पीते रहें। इससे शरीर में पानी की कमी नहीं रहेगी।
  • बाल झड़ने पर।
  • टेंशन के दौरान।
  • पथरी होने पर। 
  • स्किन पर पिंपल्स होने पर।
  • स्किन पर फंगस, खुजली होने पर।
  • यूरिन इन्फेक्शन होने पर।
  • पानी की कमी होने पर।
  • हैजा जैसी बीमारी के दौरान। 

आयुर्वेद के अनुसार: 

आयुर्वेद के अनुसार हल्का गर्म पानी पीने से पित्त और कफ दोष नहीं होता और डायजेस्टिव सिस्टम सही रहता है। 10 मिनट पानी को उबालें और रख लें। प्यास लगने पर धीरे-धीरे पीते रहें। ऐसा करने से यह पता चलता है कि आप दिन में कितना पानी पीते हैं और कितने समय में पीते हैं। आप पानी उबालते समय उसमें अदरक का एक टुकड़ा भी डाल सकते हैं। इससे फायदा होगा।
उबालने के बाद ठंडा हुआ पानी कफ और पित्त को नहीं बढ़ाता, लेकिन एक दिन या उससे ज़्यादा हो जाने पर वही पानी नहीं पीना चाहिए, क्योंकि बासी हो जाने पर पानी में कुछ ऐसे जीवाणु विकसित हो जाते हैं, जो स्वास्थ्य पर बुरा असर डालते हैं। बासी पानी वात, कफ और पित्त को बढ़ाता है। 

पानी पीने के नुकसान : 

1- ज़रूरत से ज़्यादा पानी पीने से किडनी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
2- पानी के ओवरडोज़ से आपके शरीर के सेल्स डैमेज हो सकते हैं।
3- जिन मरीज़ों की बाय-पास सर्जरी हुई है, उनमें से कुछ मामलों में भी डॉक्टर्स पानी कम पीने की सलाह देते हैं। 
4- जरूरत से ज्यादा पानी पीने से हमारे शरीर में मौजूद वह पाचन रस काम करना बंद कर देता है, जिससे खाना पचता है। इस वजह से खाना देर से पचने लगता है और कई बार खाना पूरी तरह से डाइजेस्ट भी नहीं हो पाता है। 
5- हेल्थ विशेषज्ञों के अनुसार, खाने के बाद ठंडा पानी पीने से आपको नुकसान पहुंच सकता है। दरअसल, गर्म खाने के बाद आप जैसे ही ठंडा पानी पीते हैं, शरीर में खाया हुआ ऑयली खाना जमने लगता है। इससे आपकी पाचन शक्ति भी कम हो जाती है। बाद में यह फैट में भी तबदील हो जाता है। इसलिए खाने के बाद गर्म पानी पीने की सलाह दी जाती है। 

 पानी पीने से जुड़े कुछ ज़रूरी TIPS: 

1- धूप से घर आकर तुरंत पानी न पिएं। यह खतरनाक हो सकता है। 
2- कई बार खाली पेट पानी पीने से सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियां हो जाती हैं।
3- खाने के तुरंत बाद पानी पीने से फैट बढ़ता है और आप आलसी महसूस करते हैं।
4- चिकनाई वाले खाने या खरबूजा, खीरा के तुरंत बाद पानी पीने से खांसी, जुकाम हो सकता है।
5- कई लोगों को पानी पीने से एसिडिटी की भी शिकायत होती है।क्या हेल्दी इंसान को भी दिन में 8 गिलास पानी पीना चाहिए ? रोज़ 8 गिलास पानी पीने के पीछे कोई वैज्ञानिक तथ्य नहीं है। यह जरूरी नहीं कि आप 8 गिलास पानी 8 बार ही पिएं। अनेक बुद्धिजीवियों ने लेख लिखे हैं, जिनमें पानी कितना और कैसे पीना चाहिए, इस पर विचार किया गया है। इस बात को प्रामाणिकता के साथ कहा जा सकता है कि जो लोग स्वस्थ हैं, उन्हें ज़रूरत से ज़्यादा पानी नहीं पीना चाहिए।
हम रोज़ तरल पदार्थ के रूप में चाय, कॉफी या कोल्ड ड्रिंक लेते हैं। इसमें कैफीन की मात्रा अधिक होती है। शरीर में कैफीन की मात्रा अधिक होने पर ब्लड की मात्रा कम हो जाती है। ब्लड में कैफीन की मात्रा कम करने के लिए पानी बेहद ज़रूरी है। अगर आप दिन में 4 कप चाय या कॉफी पीते हैं तो कम से कम 8 गिलास पानी ज़रूर पिएं। इससे शरीर का सिस्टम सही रहता है।
शरीर को रोगमुक्त और स्वस्थ रखने के लिए पानी पीना बेहद ज़रूरी है। वयस्क लोगों को दिन में 2.5 लीटर पानी पीना चाहिए। कैलोरी को शरीर में घुलने के लिए पर्याप्त पानी का होना जरूरी है। शरीर से पसीना निकलने, एक्सरसाइज़ करने, डायरिया और किडनी में स्टोन होने पर पानी की कमी हो जाती है। ऐसे में, जीवन को भी खतरा हो सकता है। शरीर में पानी की कमी होने पर सबसे ज्यादा प्रभाव ब्लैडर पर पड़ता है।

ज़रूरी जानकारी: 

 1. हमारे शरीर का 60 से 70 प्रतिशत हिस्सा पानी से बना है। प्रतिदिन शरीर को 6 से 10 गिलास पानी की आवश्यकता होती है।इस आवश्यकता का एक बड़ा भाग खाद्य पदार्थों के रूप में शरीर ग्रहण करता है। शेष पानी मनुष्य पीता है। 
 2. पानी शरीर के अतिरिक्त तत्व को पसीना और मूत्र के रूप में बाहर निकालने में सहायक होता है, मल के निष्कासन में भी सहायक होता है। 
 3. एक वयस्क पुरुष के शरीर में पानी उसके शरीर के कुल भार का लगभग 65 प्रतिशत और एक वयस्क स्त्री शरीर में उसके शरीर के कुल भार का लगभग 52 प्रतिशत तक होता है। 
4. शरीर की हड्डियों में 22 प्रतिशत पानी होता है, दांतों में 10 प्रतिशत, त्वचा में 20, मस्तिष्क में 74.5, मांसपेशियों में 75.6 और खून में 83 प्रतिशत पानी होता है।

मंगलवार, अगस्त 04, 2015

Gharelu Upchar or Ayurvedik Dohe

आयुर्वेदिक दोहे
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१-एक नंबर

दही मथें माखन मिले, केसर संग मिलाय,
होठों पर लेपित करें, रंग गुलाबी आय..

२-दू नंबर -राजेश मिश्रा

बहती यदि जो नाक हो, बहुत बुरा हो हाल,
यूकेलिप्टिस तेल लें, सूंघें डाल रुमाल..

३-तीन नंबर
अजवाइन को पीसिये, गाढ़ा लेप लगाय,
चर्म रोग सब दूर हो, तन कंचन बन जाय..

४- नंबर-राजेश मिश्रा
अजवाइन को पीस लें, नीबू संग मिलाय,
फोड़ा-फुंसी दूर हों, सभी बला टल जाय..

५- नंबर
अजवाइन-गुड़ खाइए, तभी बने कुछ काम,
पित्त रोग में लाभ हो, पायेंगे आराम..

६- नंबर-राजेश मिश्रा

ठण्ड लगे जब आपको, सर्दी से बेहाल,
नीबू मधु के साथ में, अदरक पियें उबाल..

७- नंबर
अदरक का रस लीजिए. मधु लेवें समभाग,
नियमित सेवन जब करें, सर्दी जाए भाग..

८- नंबर-राजेश मिश्रा
रोटी मक्के की भली, खा लें यदि भरपूर,
बेहतर लीवर आपका, टी० बी० भी हो दूर..

९- नंबर
गाजर रस संग आँवला, बीस औ चालिस ग्राम,
रक्तचाप हिरदय सही, पायें सब आराम..

१०- नंबर
शहद आंवला जूस हो, मिश्री सब दस ग्राम,
बीस ग्राम घी साथ में, यौवन स्थिर काम..

११- नंबर-राजेश मिश्रा
चिंतित होता क्यों भला, देख बुढ़ापा रोय,
चौलाई पालक भली, यौवन स्थिर होय..

१२- नंबर

लाल टमाटर लीजिए, खीरा सहित सनेह,
जूस करेला साथ हो, दूर रहे मधुमेह..

१३- नंबर-राजेश मिश्रा
प्रातः संध्या पीजिए, खाली पेट सनेह,
जामुन-गुठली पीसिये, नहीं रहे मधुमेह..

१४- नंबर
सात पत्र लें नीम के, खाली पेट चबाय,
दूर करे मधुमेह को, सब कुछ मन को भाय..

१५- नंबर-राजेश मिश्रा
सात फूल ले लीजिए, सुन्दर सदाबहार,
दूर करे मधुमेह को, जीवन में हो प्यार..

१६- नंबर
तुलसीदल दस लीजिए, उठकर प्रातःकाल,
सेहत सुधरे आपकी, तन-मन मालामाल..

१७- नंबर-राजेश मिश्रा
थोड़ा सा गुड़ लीजिए, दूर रहें सब रोग,
अधिक कभी मत खाइए, चाहे मोहनभोग.

१८- नंबर-राजेश मिश्रा
अजवाइन और हींग लें, लहसुन तेल पकाय,
मालिश जोड़ों की करें, दर्द दूर हो जाय..

१९- नंबर

ऐलोवेरा-आँवला, करे खून में वृद्धि,
उदर व्याधियाँ दूर हों, जीवन में हो सिद्धि..

२०- नंबर-राजेश मिश्रा
दस्त अगर आने लगें, चिंतित दीखे माथ,
दालचीनि का पाउडर, लें पानी के साथ..

२१- नंबर
मुँह में बदबू हो अगर, दालचीनि मुख डाल,
बने सुगन्धित मुख, महक दूर होय तत्काल..

२२- नंबर
कंचन काया को कभी, पित्त अगर दे कष्ट,
घृतकुमारि संग आँवला, करे उसे भी नष्ट..

२३- नंबर-राजेश मिश्रा

बीस मिली रस आँवला, पांच ग्राम मधु संग,
सुबह शाम में चाटिये, बढ़े ज्योति सब दंग..

२४- नंबर
बीस मिली रस आँवला, हल्दी हो एक ग्राम,
सर्दी कफ तकलीफ में, फ़ौरन हो आराम..

२५- नंबर-राजेश मिश्रा

नीबू बेसन जल शहद , मिश्रित लेप लगाय,
चेहरा सुन्दर तब बने, बेहतर यही उपाय..

२६.- नंबर
मधु का सेवन जो करे, सुख पावेगा सोय,
कंठ सुरीला साथ में, वाणी मधुरिम होय.

२७.- नंबर-राजेश मिश्रा
पीता थोड़ी छाछ जो, भोजन करके रोज,
नहीं जरूरत वैद्य की, चेहरे पर हो ओज..

२८- नंबर-राजेश मिश्रा
ठण्ड अगर लग जाय जो नहीं बने कुछ काम,
नियमित पी लें गुनगुना, पानी दे आराम..

२९- नंबर-राजेश मिश्रा
कफ से पीड़ित हो अगर, खाँसी बहुत सताय,
अजवाइन की भाप लें, कफ तब बाहर आय..

३०- नंबर-राजेश मिश्रा

अजवाइन लें छाछ संग, मात्रा पाँच गिराम,
कीट पेट के नष्ट हों, जल्दी हो आराम..

३१- नंबर-राजेश मिश्रा
छाछ हींग सेंधा नमक, दूर करे सब रोग,
जीरा उसमें डालकर, पियें सदा यह भोग..।

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दाद क्या और कैसे होती हैं ? इसके उपचार, लक्षण और बचाव, फंगल इन्फेक्शन

दाद और खुजली का घरेलु उपचार
Hindi remedies for Ringworm
(Ring worm and eczema home remedy)

हम हमेशा चाहते हैं की हमारा शरीर साफ़ और स्वस्थ रहे हम कभी भी नहीं चाहेंगे की हमे किसी तरह का कोई इन्फेक्शन या बीमारी लगे। वैसे तो हम अपने शरीरका हमेशा ध्यान रखते हैं लेकिन उसके बावजूद हमे कुछ बातों का विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए। हमे इन्फेक्शन कभी भी हो सकता है जैसे आप यात्रा कर रहे हों काम पर जा रहे हों तो ध्यान दे की आपका कोई साथी या आस पास के लोग बीमार तो नहीं हैं।नहाने के पानी मे 2 बून्द सेवलोंन या डेटोल डाल कर नहाएं। दाद एक ऐसी बिमारी है जो हर उम्र के लोगो मे हो सकती है बच्चा जवान या बुज़ुर्ग इससे कोई नहीं बच पाता। ये एक फंगल इन्फेक्शन है जो सर, पैर, गर्दन या किसी अंदरुनी भाग मे कहीं भी हो सकता है । ये लाल या हलके ब्राउन रंग का गोल आकार का होता है। ये इंसान , जानवर किसी से भी फेल सकता है। लेकिन डरें नहीं ये आसानी से ठीक भी हो जाता है। ये किसी कीड़े से नहीं होता ये तो एक फंगल इन्फेक्शन है।

दाद का इन्फेक्शन बहुत ख़राब फंगल इन्फेक्शन होता है ।अगर आपको ये इन्फेक्शन है तो आप अपने शरीर के किसी भी हिस्से पर लाल गोल निशान देख सकते हैं। ये बहुत तेज़ी से फेलता है जिस जगह पर हुआ है उसके आस पास की जगह पर भी फैलने लगता है। इसका इन्फेक्शन ज्यादा बढ़ने पर आप शरीर पर उभार और फुंसियाँ भी देख सकते हैं।

दाद के लक्षण

अगर आपको शरीर पर लाल धब्बे दीखते हैं और खुजली होती है तो सावधान हो जाइए ये दाद है अगर ये आपके नाख़ून पर हुआ तो आपका नाख़ून जड़ से निकल सकता है बालों की जड़ो मे हुआ तो आपके बाल उस जगह से झड़ सकते हैं। ये आपको बालों की जड़ो ,पैर ,अंदरुनी भागो में हो सकता है।

बालों की जड़ो में होने के लक्षण

  • जड़ो में खुजली होना
  • छोटी छोटी फुंसी होना
  • बालों का झड़ना
  • चमड़ी का तड़कना
  • पस होना
  • शरीर पर लक्षण
  • लाल पन और खुजली होना ।
  • पस की फुंसियाँ होना
  • खुजली के साथ उभार दिखना।
  • पैरों पर लक्षण
  • इर्रिटेशन और जलन होना।
  • फटी हुई चमड़ी
  • अंदरुनी भागों पर लक्षण
  • कटाव या चमड़ी निकलना।
  • लालपन होना
  • अंदरुनी भागो में खुजली होना
दाद एक फंगल इन्फेक्शन है जो सर, पैर, गर्दन या किसी अंदरुनी भाग मे कहीं भी हो सकता है । ये लाल या हलके ब्राउन रंग का गोल आकार का होता है। ये इंसान , जानवर किसी से भी फेल सकता है। लेकिन डरें नहीं ये आसानी से ठीक भी हो जाता है। ये किसी कीड़े से नहीं होता ये तो एक फंगल इन्फेक्शन है। अगर आपको ये इन्फेक्शन है तो आप अपने शरीर के किसी भी हिस्से पर लाल गोल निशान देख सकते हैं। ये बहुत तेज़ी से फेलता है जिस जगह पर हुआ है उसके आस पास की जगह पर भी फैलने लगता है। इसका इन्फेक्शन ज्यादा बढ़ने पर आप शरीर पर उभार और फुंसियाँ भी देख सकते हैं।

  • अगर आपको शरीर पर लाल धब्बे दीखते हैं और खुजली होती है तो सावधान हो जाइए ये दाद है अगर ये आपके नाख़ून पर हुआ तो आपका नाख़ून जड़ से निकल सकता है बालों की जड़ो मे हुआ तो आपके बाल उस जगह से झड़ सकते हैं।
  • शरीर की त्वचा पर कहीं भी चकत्ते हो तो उस पर नींबू के टुकड़े काटकर फिटकरी भरकर रगड़ने से चकत्ते हल्के पड़ जाते हैं और त्वचा निखर उठती है।
  • टमाटर खट्टा होता है। इसकी खटाई खून को साफ करती है। नींबू में इसी तरह के गुण होते हैं। रक्तशोधन (खून साफ करना) के लिए टमाटर को अकेले ही खाना चाहिए। रक्तदोष (खून की खराबी) से त्वचा पर जब लाल चकत्ते उठे हों, मुंह की हडि्डयां सूज गई हो, दांतों से खून निकल रहा हो, दाद या बेरी-बेरी रोग हो तो टमाटर का रस दिन में 3-4 बार पीने से लाभ होता है। कुछ सप्ताह तक रोजाना टमाटर का रस पीने से चर्मरोग (त्वचा के रोग) ठीक हो जाते हैं।
  1. अंजीर का दूध लगाने से दाद मिट जाते हैं।
  2. पके केले के गूदे में नींबू का रस मिलाकर लगाने से दाद, खाज, खुजली और छाजन आदि रोगों में लाभ होता है।
  3. दाद, खाज और खुजली में मूंगफली का असली तेल लगाने से आराम आता है।
  4. 1 कप गाजर का रस रोजाना पीने से त्वचा के रोग ठीक हो जाते हैं।
  5. त्वचा के किसी भी तरह के रोगों में मूली के पत्तों का रस लगाने से लाभ होता है।
  6. नीम्बू के रस में इमली के बीज पीसकर लगाने से दाद में लाभ होता हैं।
  7. लहसुन में प्राकृतिक रूप से एंटी फंगल तत्व होते हैं। जो की कई तरीके के फंगल इन्फेक्शन को ठीक करने में सहायक है। जिसमे से दाद भी एक है।
  8. लहसुन को छिल कर उसके छोटे छोटे टुकड़े कर दाद पर रख दीजिये जल्दी आराम मिलेगा।
  9. नारियल का तेल दाद को ठीक करने में बहुत उपयोगी है। ख़ास कर जब आपके सर की जड़ो में इन्फेक्शन हुआ हो तो ये एक बहुत बेहतरीन तरीका है।
  10. छोटे छोटे राई के दाने दाद को ठीक करने में सहायक है। राई को 30 मिनट तक पानी में भिगो कर रख दें। फिर उसका पेस्ट बनाकर दाद की जगह पर लगा लें।
  11. एलो वेरा का अर्क हर तरह के फंगल इन्फेक्शन को ठीक कर देता हैं । इसे तोड़कर सीधे दाद पर लगा लीजिये ठंडक मिलेगी। हो सके तो रात भर लगा कर रखें । एलो वेरा का नियमित सेवन करने और प्रभावित स्थान पर लगाने से दाद और खुजली में बहुत आराम मिलता हैं।
  12.  नीम के पत्तों को पानी में उबालकर स्नान करना चाहिये।
  13. काले चनों को पानी में पीस कर दाद पर लगायें। दाद में आराम आएगा।
  14. शरीर के जिन स्थानों पर दाद हों, वहां बड़ी हरड़ को सिरके में घिसकर लगाएं। 
  15. छिलकेवाली मूंग की दाल को पीसकर इसका लेप दाद पर लगाएं।
  16. दाद होने पर हींग को पानी में घिस कर नियमित प्रभावित स्थान पर लगाये। इस से दाद में आशातीत आराम मिलता हैं।
  17. नौसादर को नींबू के रस में पीसकर दाद में कुछ दिनों तक लगाने से दाद दूर हो जाता है।
  18. नाइलान व सिंथेटिक वस्त्रों की जगह सूती वस्त्रों का प्रयोग करें तथा अधोवस्त्र को हमेशा साफ सुथरा रखें।

खुजली : 

  • खुजली एक विशेष प्रकार के सूक्ष्म परजीवी के त्वचा पर चिपक कर खून चूसने से उस जगह पर छाले व फुंसियां निकल आती है। इससे अत्यधिक खुजली पैदा होती है। खुजली एक ऐसा चर्म रोग है जो आनंद देता है खुजाने में। जब तब त्वचा जलने न लगे तब तक खुजलाहट शांत नहीं होती। इस रोग में सबसे अधिक शरीर की सफाई पर ध्यान देना चाहिये। चूंकि यह रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक शीघ्र पहुंचाता है इसलिय संक्रमित के कपड़े अलग रखकर उनकी गरम पानी से धुलाई करनी चाहिये। 
  • इसके उपचार हैं।
  • आंवले की गुठली जलाकर उसकी भस्म में नारियल का तेल मिलाकर मलहम बनायें और खुजली वाले स्थान पर लगाने से खुजली दूर होती है। 
  • नीम की पत्तियों को गरम पानी में उबालकर खुजली वाले स्थान पर लगायें। 
  • काली मिर्च एवं गंधक को घी में मिलाकर शरीर पर लगाने से खुजली दूर होती है। 
  • टमाटर का रस एक चम्मच, नारियल का तेल दो चम्मच मिलाकर मालिश करें और उसके आधे घंटे बाद स्नान करें। खुजली में राहत मिलेगी।
  • स्वमूत्र चिकित्सा से भी इसका लाभप्रद इलाज होता है। छ: दिन का पुराना स्वमूत्र दाद खुजली पर लगाने से और स्वमूत्र की पट्टी रखने से चमत्कारी लाभ मिलता है।
  • उपरोक्त दाद वाले इलाज खुजली में भी उतनी ही उपयोगी हैं जितने दाद में।
  • बच्चो को पहनाये जाने वाले डाइपर बहुत हानिकारक होते हैं, जहाँ तक हो सके उन से परहेज करे। 
  • दाद खाज-त्वचा के ऐसे रोग हैं कि लापरवाही बरतने से हमेशा के मेहमान बन जाते हैं।