दादी-नानी और पिता-दादाजी के बातों का अनुसरण, संयम बरतते हुए समय के घेरे में रहकर जरा सा सावधानी बरतें तो कभी आपके घर में डॉ. नहीं आएगा. यहाँ पर दिए गए सभी नुस्खे और घरेलु उपचार कारगर और सिद्ध हैं... इसे अपनाकर अपने परिवार को निरोगी और सुखी बनायें.. रसोई घर के सब्जियों और फलों से उपचार एवं निखार पा सकते हैं. उसी की यहाँ जानकारी दी गई है. इस साइट में दिए गए कोई भी आलेख व्यावसायिक उद्देश्य से नहीं है. किसी भी दवा और नुस्खे को आजमाने से पहले एक बार नजदीकी डॉक्टर से परामर्श जरूर ले लें.
पुरे वर्ष सन् 2018 के पर्व त्यौहार निचे मौजूद है...

लेबल

आप यहाँ आये हमें अच्छा लगा... आपका स्वागत है

नोट : यहाँ पर प्रस्तुत आलेखों में स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी को संकलित करके पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करने का छोटा सा प्रयास किया गया है। पाठकों से अनुरोध है कि इनमें बताई गयी दवाओं/तरीकों का प्रयोग करने से पूर्व किसी योग्य चिकित्सक से सलाह लेना उचित होगा।-राजेश मिश्रा

स्वास्थ लाभ के साथी, इस वेबसाइट से जुड़ें : राज

सोमवार, मई 09, 2016

गर्मियों में "राज" अमृत बन जाता है पुदीना

Summer becomes nectar peppermint
बदहज़मी, दिल और दिमाग को ठंडा करने, चटनी और शरबत के स्वाद का क्या कहने...

हमारे देश में अमृतमय खाद्य पदार्थों की कमी नहीं है, भारत की धरती माता हमें समय समय पर ऐसे फल और सब्जियां देती रहती है जो हमारे शरीर के लिए अमृत का काम करते हैं, अगर हम इन चीजों को नियमित इस्तेमाल करें तो हमारे शरीर से हजारों बीमारियाँ तो ख़त्म हो ही सकती हैं, बीमारियों से भी बचा जा सकता है, पुदीना भी एक ऐसा ही खाद्य पदार्थ है जिसे गर्मियों में नियमित इस्तेमाल किये जाने से शरीर को अनेकों लाभ होते हैं।

क्या है पुदीना यानी पिपरमिंट खाने से लाभ
1. याददास्त में लाभ

अगर आप बमुश्किल किसी चीज को याद रख पाते हैं, तो पुदीने की चाय पीजिए, क्योंकि एक शोध में पता चला है कि पुदीने की चाय स्वस्थ वयस्कों की याददाश्त लंबी अवधि के लिए सुधार सकती है। इस शोध के लिए अध्ययनकर्ताओं ने 180 प्रतिभागियों को पुदीने की चाय, कैमोमिल (बबूने का फूल) की चाय और गर्म पानी का सेवन कराया था।

शोध के परिणामों से पता चला कि है कि कैमोमिल और गर्म पानी का सेवन करने वालों की तुलना में जिन प्रतिभागियों ने पुदीने की चाय का सेवन किया था, उनकी दीर्घकालिक स्मरणशक्ति और सतर्कता में महत्वपूर्ण सुधार देखे गए।

वहीं कैमोमिल चाय का सेवन करने वाले प्रतिभागियों में पुदीने की चाय और गर्म पानी का सेवन करने वाले प्रतिभागियों की तुलना में स्मृति और एकाग्रता की क्षमता में कमी महसूस की गई।

इस शोध को हाल ही में नॉटिंघम में आयोजित साइकोलॉजिकल सोसाइटी के वार्षिक सम्मेलन में पेश किया गया था।

2. पेट और गैस की बीमारियों में लाभ

पेट और गैस से सम्बंधित बीमारियों में पुदीना रामबाण का काम करता है। इसकी चटनी और शरबत पीने से पेट में ठंढक पहुँचती है और लीवर में इकठ्ठा जहरीला पदार्थ बाहर आ जाता है, इसको नियमित खाते रहने से पाचन शक्ति बढ़िया हो जाती है। पुदीने के तेल की पेट पर मालिश करने से भी गैस और पेट दर्द में आराम मिलता है।

3. माँ को लाभ

बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलाओं की छाती में दर्द होने पर भी पुदीने का तेल फायदेमंद होता है।

4. सांस की बीमारियों में लाभ

नियमित रूप से पुदीना खाने वालों को सांस की ‘घरघराहट और सरसराहट’ जैसे बामारियों से फायदा मिलता है। पुदीने के तेल की छाती पर मालिस करने से छाती का दर्द भी सही होता है। आयुर्वेदिक सीरप में पुदीने का जमकर इस्तेमाल किया जाता है। अस्थमा में भी लाभ मिलता है।

5. सिरदर्द

पुदीने का तेल लगाने से सिरदर्द में तुरंत लाभ मिलता है, आयुर्वेदिक तेलों में इसका बहुत इस्तेमाल किया जाता है। इसका तेल बालों और शरीर की त्वचा के लिए बहुत बढ़िया होता है।

6. खून में वृद्धि

नियमित रूप से पुदीना खाने से शरीर का हीमोग्लोबिन बढ़ने लगता है, वैसे भी हरी साग सब्जियां खून बढाने में रामबाण का काम करती हैं।
इसके अलावा भी पुदीने के हजारों लाभ हैं इसलिए बिना सोचे समझे गर्मियों में जमकर पुदीना खाइए और शरीर की कई बीमारियों को दूर भगाइए।

जानिए पुदीने के 10 लाजवाब गुणों के बारे में-

  • – पुदीने में मौजूद फाइबर कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है और मैगनीशियम हड्डियों को ताकत देता है। उल्टी होने पर आधा कप पोदीना हर दो घंटे में रोगी को पिलाएं। उल्टी आना बंद हो जाएगी।
  • – पुदीने की पत्तियों का ताजा रस नींबू और शहद के साथ समान मात्रा में लेने से पेट की सभी बीमारियों में आराम मिलता है।
  • – पुदीने का रस काली मिर्च व काले नमक के साथ चाय की तरह उबालकर पीने से जुकाम, खांसी व बुखार में राहत मिलती है।
  • – पुदीने की पत्तियां चबाने या उनका रस निचोड़कर पीने से हिचकियां बंद हो जाती हैं। सिरदर्द में पत्तियों का लेप माथे पर लगाने से आराम मिलता है।
  • – माहवारी समय पर न आने पर पुदीने की सूखी पत्तियों के चूर्ण को शहद के साथ समान मात्रा में मिलाकर दिन में दो-तीन बार नियमित रूप से लें।
  • – पुदीने का रस किसी घाव पर लगाने से घाव जल्दी भर जाते हैं। यह चर्म रोगों को भी समाप्त करता है। चर्म रोग होने पर पुदीना के पत्तों का लेप लगाने से आराम मिलता है।
  • – पुदीने की पत्तियों को सुखाकर बनाए गए पाउडर को मंजन की तरह प्रयोग करने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है और मसूड़े मजबूत होते हैं।
  • – पुदीने के रस को नमक के पानी के साथ मिलाकर कुल्ला करने से गले का भारीपन दूर होता है और आवाज साफ होती है।
  • – अधिक गर्मी में जी मिचलाए तो एक चम्मच सूखे पुदीने की पत्तियों का चूर्ण और आधी छोटी इलायची के चूर्ण को एक गिलास पानी में उबालकर पीने से लाभ होता है। हैजा होने पोदीना, प्याज का रस और नींबू का रस बराबर मात्रा में मिलाकर पीने से लाभ मिलता है।
  • – अगर आपकी त्वचा ऑयली है, तो पुदीने का फेशियल आपके लिए सही रहेगा। इसको बनाने के लिए दो बड़े चम्मच ताजा पीसे पुदीने के साथ दो बड़े चम्मच दही और एक बड़ा चम्मच ओटमील लेकर गाढ़ा घोल बनाएं। इसे चेहरे पर दस मिनट तक लगाएं और चेहरे को धो लें। इसके रस को चेहरे पर लगाने से कील और मुंहासे दूर होता है। पोदीने के रस को मुल्तानी मिट्टी में मिलाकर चेहरे पर लेप करने से चेहरे की झांइयां समाप्त हो जाती हैं और चेहरे की चमक बढ जाती है। शराब में पुदीने की पत्तियों को पीसकर चेहरे पर लगाने से चेहरे के दाग, धब्बे, झांई मिट जाते हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें